हरियाणा के 2 नये सूचना आयुक्तों का कार्यकाल 5 नहीं बल्कि 3 वर्ष होगा

हरियाणा के 2 नये सूचना आयुक्तों का कार्यकाल 5 नहीं बल्कि 3 वर्ष होगा

हरियाणा के 2 नये सूचना आयुक्तों का कार्यकाल  5 नहीं बल्कि 3 वर्ष होगा

हरियाणा के 2 नये सूचना आयुक्तों का कार्यकाल 5 नहीं बल्कि 3 वर्ष होगा

वर्ष 2019 में संसद द्वारा आरटीआई कानून में किया गया था संशोधन

24  अक्टूबर, 2019 को  केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए आरटीआई नियम होते हैं कार्यकाल पर लागू

मुख्यमंत्री ही नहीं मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल भी दिलवा सकते हैं आयुक्तों को शपथ - एडवोकेट


चंडीगढ़ - शुक्रवार को हरियाणा सूचना आयोग के दो नए  सूचना आयुक्तों- ज्योति अरोड़ा, रिटायर्ड आईएएस  और पंकज मेहता, एडवोकेट   को मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा हरियाणा निवास में पद और निष्ठा की शपथ  दिलवाई जायेगी.

अब प्रश्न यह उठता है कि हालांकि राज्य सूचना आयोग एक  वैधानिक (कानूनी )  संस्था है जिसका  भारत की संसद द्वारा बनाये गए  आरटीआई कानून, 2005 के अंतर्गत गठन  किया गया है, तो क्या राज्यपाल की बजाये मुख्यमंत्री सूचना आयुक्त को शपथ दिलवा सकते हैं ?

इस विषय पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि हालांकि यह सत्य है कि संवैधानिक और वैधानिक पदों पर नियुक्त किये जाने वाले पदाधिकारियों को सामान्यत: प्रदेश के राज्यपाल द्वारा ही पद और निष्ठा/गोपनीयता  की शपथ दिलवाई जाती है परन्तु चूँकि  आरटीआई कानूनन, 2005 की धारा 13 (3 ) और 16 ( 3 ) में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि केंद्रीय सूचना आयोग के सम्बन्ध में राष्ट्रपति या  उनके द्वारा इस सम्बन्ध में प्राधिकृत किसी अन्य व्यक्ति के समक्ष एवं राज्य सूचना आयोग के सम्बन्ध में राज्यपाल या उनके द्वारा इस आशय में प्राधिकृत किसी अन्य व्यक्ति के समक्ष नव नियुक्त सूचना आयुक्त द्वारा शपथ ली जा सकती है, इसलिए हरियाणा में नव  नियुक्त दो सूचना आयुक्तों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री भी इन्हे शपथ दिलवा सकते हैं बशर्ते प्रदेश के राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को इस सम्बन्ध में आधिकारिक और औपचारिक रूप से प्राधिकृत कर दिया गया हो.

हेमंत ने यह भी बताया कि जहाँ तक केंद्रीय सूचना आयोग का विषय है, तो वहां भारत के राष्ट्रपति केवल केंद्रीय मुख्य  सूचना आयुक्त को ही पद और निष्ठा की शपथ दिलवाते हैं जबकि अन्य  आयोग के अन्य सूचना आयुक्तों को मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा ही शपथ दिलवाई जाती  है.

इस प्रकार हरियाणा में भी न केवल मुख्यमंत्री बल्कि राज्य के वर्तमान  मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल भी कानूनी तौर पर नव नियुक्त दो सूचना आयुक्तों को शपथ दिलवा सकते हैं हालांकि उन्हें भी राज्यपाल द्वारा इस सम्बन्ध में पहले प्राधिकृत करना आवश्यक होगा.

ज्ञात रहे कि गत वर्ष जून, 2021 में हरियाणा सेवा का अधिकार (आरटीएस)  आयोग के मुख्य आयुक्त (चीफ कमिश्नर ) के तौर पर टीसी गुप्ता को भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा ही  शपथ दिलवाई गयी थी.

आज से साढ़े सात वर्ष पूर्व जुलाई, 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा द्वारा दो तत्कालीन सूचना आयुक्तों - शिव रमन गौड़ और रेखा रानी को शपथ दिलवाई गयी थी. इसी प्रकार आरटीएस आयोग  के तत्कालीन मुख्य आयुक्त  एस.सी. चौधरी और चार आयुक्तों सरबन सिंह, सुनील कत्याल, अमर सिंह और वीरेंद्र  टोंक को भी तत्कालीन मुख्यमंत्री  हुड्डा ने शपथ दिलवाई थी हालांकि तब प्रदेश में मोदी सरकार द्वारा पहले नियुक्त  राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने  कार्यभार  संभाला ही था. राज्यपाल के मौजूद होते हुए मुख्यमंत्री द्वारा शपथ दिलवाने पर काफी बवाल भी हुआ था परन्तु हुड्डा द्वारा यही कहा गया कि पूर्ववर्ती राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया द्वारा उन्हें इस आशय में प्राधिकृत किया गया था.

बहरहाल, हेमंत ने बताया कि हरियाणा के दो नए सूचना आयुक्तों का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं बल्कि 3 वर्ष का होगा. उन्होंने बताया कि  जुलाई, 2019 में भारतीय संसद द्वारा पारित एवं  24 अक्टूबर, 2019 से लागू सूचना का अधिकार (संशोधन) कानून, 2019 के अंतर्गत भारत  सरकार द्वारा केंद्र और राज्य सूचना आयोग के आयुक्तों के कार्यकाल, वेतन-भत्ते और अन्य सेवा शर्तें नियम, 2019 बनाये गए है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए थे एवं जिनके अनुसार सूचना आयुक्त का कार्यकाल उसके पदभार ग्रहण करने से तीन वर्ष का  होगा. उनका वेतन हालांकि प्रतिमाह 2 लाख 25 हज़ार रुपये ही रहेगा  जैसे उपरोक्त 2019  संशोधन से पूर्व कानून में उल्लेख था.  

हालांकि उपरोक्त संशोधन कानून में यह भी  प्रावधान है कि इसके   लागू होने से पहले नियुक्त किये गए  मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों  पर मूल आर.टी.आई. कानून, 2005 और उसके अंतर्गत बनाये गए नियम ही लागू होंगे.  इस प्रकार हरियाणा के वर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल, रिटायर्ड आईपीएस जो अप्रैल, 2017 में नियुक्त हुए थे, और इसी प्रकार सूचना आयुक्त, नरेंद्र सिंह यादव, रिटायर्ड एचसीएस, जो अप्रैल, 2017 में नियुक्त हुए , चंद्र प्रकाश, रिटायर्ड आईएएस और अरुण सांगवान, जो दोनों दिसंबर, 2017 में सूचना आयुक्त नियुक्त हुए और इसी प्रकार कमलदीप भंडारी और जय सिंह बिश्नोई, जो दोनों मार्च, 2019 में सूचना आयुक्त नियुक्त हुए, उन सभी का कार्यकाल हालांकि पांच वर्ष ही रहेगा  चूँकि वह सभी 24 अक्टूबर, 2019 से पहले नियुक्त हुए थे. हालांकि यशपाल सिंघल का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को , नरेंद्र यादव का 14 फरवरी 2022 को और चंद्र प्रकाश का 19 अक्टूबर 2022 को  समाप्त हो जाएगा क्योंकि उस सम्बंधित दिन वह 65 वर्ष के हो जायेगे. कानूनन मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त  5 वर्षो तक या उनकी आयु 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो तक पद पर बना रह सकता है.